• Dumchhalla "दुमछल्ला" [Tail]

  • जिंदगी भी बस ऐसी ही है [Life Is Just like That]
  • De: Nishant Jain
  • Narrado por: Aroma
  • Duração: 3 horas e 47 minutos

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Dumchhalla "दुमछल्ला" [Tail]  Por  capa

Dumchhalla "दुमछल्ला" [Tail]

De: Nishant Jain
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Sinopse

About the book:

 जब इंसान अंदर से टूटता है तो वो अपनी बात समझाने के तरीके ढूँढने लगता है । और जब अंदर भावनाओं का ज्वार उठ रहा हो और सुनने वाला कोई न हो, तो वो खुद के लिए फैसलें लेता है । बेशक वो समाज की मान्यताओं में सही न हो लेकिन वो फिर भी अपने हक़ में फैसलें लेता है । यह कहानी है जागी आँखों से देखें जाने वाले सपनों की, उन अहसासों की, जिन्हें हम जीना चाहते हैं लेकिन जी नहीं पाते । उन अहसासों की जो जन्म तो लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद सिकुड़ जातें हैं । यह कहानी है भावनाओं से भरे 6 लोगों की, जिनमें प्यार, विश्वास, अपनापन तो है लेकिन एक-दूसरे को आज़ादी देने की हिम्मत नहीं है । किसी की एक गलती उन सभी की जिंदगी को उस मोड़ तक ले जाती है, जहाँ से कुछ भी ठीक कर पाना न नहीं था । दखल किसने, किसकी जिंदगी में दिया था, कह पाना मुश्किल है । नादानी, नासमझी या अपरिपक्वता, चाहे जो भी नाम दें लेकिन सवाल तो बस आज़ादी से ही जुड़ा था ।

about the author आधे चार्टर्ड अकाउंटेंट और कभी पूरे स्टॉक ब्रोकर रहे निशान्त, आप सब की ही तरह, परिवार और रिश्तों तो अहमियत देते हैं लेकिन व्यक्तिगत आज़ादी भी इनके लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है । इनसे बात करना आपको सुकून देता है लेकिन इनके विचार आपको भीतर तक परेशान कर सकते हैं, झकझोर सकते हैं । इन्हें शुरु से ही पढ़ने का काफी शौक है और कुछ-कुछ लिखते भी रहते हैं । इनकी लिखी कहानी “बायोलॉजिकल मदर” उनकी चर्चित कहानिओं में शुमार है । 2017 में एक बीमारी के बाद इन्होनें अपने पारिवारिक प्रकाशन में दिलचस्पी लेनी शुरु की और कम समय में ही उसे एक मुकाम पर स्थापित करने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हैं । जब भी इन्हें फुर्सत मिलती है तो शोर-शराबे से दूर, प्रकृति की एकांत गोद में खुद को महफूज़ रख लेते हैं ।

Please note: This audiobook is in Hindi.

©2021 Sanmati Publishers (P)2021 Sanmati Publishers

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