Hosh Niyam (Hindi Edition) Audiolivro Por Sirshree capa

Hosh Niyam (Hindi Edition)

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Hosh Niyam (Hindi Edition)

De: Sirshree
Narrado por: Leena Bhandari
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Sobre este áudio

अहम् ब्रह्मास्मि की ओर
होश नियम

देखते-देखते मुक्ति पाने का नियम
दो लोग एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। एक कहता है,‘मैं खुश हूँ, जीवन सुंदर है।’ जबकि दूसरा कहता है, ‘मैं दुखी हूँ, जीवन में केवल समस्याएँ हैं।’ इन दोनों का जीवन को देखने का दृष्टिकोण इतना अलग क्यों है? इसका उत्तर उनके अनुभव और होश की अवस्था में छिपा है।
जब हम अपने जीवन को जागरूकता से नहीं देखते तो हम अकसर सुनते हैं, ‘मैं पुरुष हूँ… स्त्री हूँ… भाई हूँ… बहन हूँ… दुःखी हूँ… बोर हूँ… परेशान हूँ… खुश हूँ… उदास हूँ…आदि। इन विचारों और भावनाओं के पीछे का कारण क्या है? क्यों ये छोटी-छोटी बातें और घटनाएँ दुःख का कारण बनती हैं? यही वह स्थिति है, जब हम स्वयं को और अपने आस-पास की दुनिया को सही ढंग से नहीं देख पाते।
ऐसे में हमें खुद से सवाल करना चाहिए, ‘क्या मैं इन सब भावनाओं और स्थितियों से वाकई मुक्ति पाना चाहता हूँ? यदि उत्तर ’ना’ है तो फिर आगे की चर्चा समाप्त हो जाती है। लेकिन यदि आप वाकई मुक्ति, प्रेम, आनंद, संतुष्टि, मौन और विश्वास से भरा जीवन जीना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने होश को बढ़ाकर, होश को होश पर लाना होगा।
यही इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है- एक ऐसे जीवन की दिशा में कदम बढ़ाना, जो जागरूकता और समझ से भरा हो। इसे ही देखते-देखते यानी स्वयं को जानते हुए मुक्ति पाने का नियम कहा गया है।

Please note: This audiobook is in Hindi.

©2025 © Tejgyan Global Foundation (P)2025 © Tejgyan Global Foundation
Desenvolvimento Pessoal
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